जब झूठे सुबूतों के आधार पर दोषी करार दिए गए बेगुनाह, जेल में बिताने पड़े जीवन के अहम साल

यदि किसी भी व्‍यक्ति को गलत तरीके से फंसाकर दोषी सिद्ध कर जेल की सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है तो इससे बड़ा अन्‍याय कुछ और हो ही नहीं सकता है। ये हर तरह से एक अपराध भी है।

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